मनरेगा योजना में काम करके दैनिक मजदूरों का जीविकोपार्जन तस्वीर बदला दैनिक मजदूरों के चेहरे खिले : मुखिया रामनाथ यादव
चतरा मयूरहंड प्रखंड के 10 पंचायतों में से एक करमा पंचायत में हर रोज 500 से अधिक दैनिक मजदूरों को मनरेगा योजना में काम मिल रहा है जिसके आधार पर दिहाडी पर मजदूरी करके जीवकोपार्जन करनेवाले मजदूरों के घर में दो वक्त ठीक ठाक से चुल्हे जल रहे हैं और इनके घर में दो वक्त की रोटी का बेहतर जुगाड़ हो रहा है। वहीं इनके घरों के छोटे बच्चों की शिक्षा और परवरिश कमोबेश पहले से बेहतर है।झारखंड में इस वर्ष के मानसून की बेरुखी के कारण औसत से कब बारिश होने के कारण झारखंड के 24 जिलों में से 22 जिले सूखा घोषित किए गए जिसमें से चतरा भी शामिल है।दैनिक समाचार बातचीत करते हुए करमा पंचायत के मुखिया रामनाथ यादव ने कहा पंचायत में इन दिनों नरेगा योजना में 500 से अधिक महिला पुरुष हर रोज काम कर रहे हैं।मुखिया ने बताया कि पंचायत में इस समय टीसीबी,मेढबंदी व बिरसा हरित क्रांति के महत्वपूर्ण योजनाओं में शामिल आमबागवानी समेत मनरेगा की अन्य योजनाएं संचालित की जा रही है जिसमें मजदूरों को हर रोज काम करते हुए देखा जा सकता है।एक सवाल के जवाब में मुखिया रामनाथ यादव ने कहा कि पंचायत में मनरेगा की योजनाओं में गड़बड़ी की कुछ शिकायतें मिली है जो कि तथ्य से परे है। गौरतलब हो कि मयूरहंड प्रखंड में कुल 10 पंचायत है जिसमें
करमा पंचायत में मुखिया रामनाथ यादव के पहल पर पंचायत में सैकड़ों मनरेगा की योजनाएं संचालित है जिसमें 500 से अधिक मजदूर काम करके हर रोज जीविकोपार्जन कर रहे हैं। दूसरी तरफ प्रखंड के अन्य पंचायतों में मुखिया का विशेष पहल नहीं होने के कारण उक्त पंचायतों के मजदूर दूसरे प्रदेशों में जाकर काम करने को लेकर बेबस हैं।
*राजकुमार दांगी*