डॉक्टर्स कॉलोनी मैथन में पेयजल संकट, टैंकर व जार का पानी खरीद रहे लोग चिराग तले अंधेरा : वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से महज 200 मीटर दूर है कॉलोनी
कुमारधुबी- वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से महज 200 मीटर के फासले पर स्थित वीआईपी इलाका ‘डॉक्टर्स कॉलोनी’ वनमेढ़ा में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है।जबकि इस वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से पूरे निरसा विधानसभा क्षेत्र में जलापूर्ति की जाती है, यानी चिराग तले अंधेरा। करीब 150 घरों की कॉलोनी के लोग पानी के लिए कुआं पर निर्भर हैं।यहां प्रायः सभी घरों में कुआं है, लेकिन गर्मी शुरू होते ही जलस्तर नीचे जाने के कारण कुआं सूखने लगते हैं. इस साल तो मार्च के अंत तक कॉलोनी के सभी कुएं सूख गए. तब से लोग पानी के लिए त्राहिमाम कर रहे हैं. ड्राई एरिया होने के कारण यहां चापाकल सक्सेस नहीं है. कुछ लोगों ने डीप बोरिंग तो कराई थी, लेकिन पर्याप्त पानी नहीं निकलने से वह भी बेकार साबित हुई। भीषण पेयजल संकट से जूझ रहे लोगों को 600 से 700 रुपए खर्च कर टैंकर से अपने कुएं में पानी डलवाना पड़ रहा है। हर चार-पांच दिन पर कुएं में पानी डलवाने का सिलसिला जारी है। इसके साथ ही पीने के लिए अलग से 30-35 रुपये प्रति जार खरीदना पड़ रहा है, जो लोग टैंकर व जार का पानी खरीदने में सक्षम नहीं हैं, वे पीएचईडी कैंपस व डीवीसी कॉलोनी से पानी लाकर काम चला रहे हैं। कॉलोनी के लोगों ने बताया कि पेयजल संकट दूर करने के लिए सांसद, विधायक, पूर्व विधायक, मुखिया सहित संबंधित अधिकारियों से कई बार गुहार लगाई. सभी ने आश्वासन दिया कि जल्द ही पाइपलाइन से पेयजलापूर्ति शुरू होगी, लेकिन आजतक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इस संबंध में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अधिकारी कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं हैं.
कॉलोनी में मेगा ग्रामीण जलापूर्ति योजना से मिलना था पानी
इधर, विभागीय सूत्रों ने बताया कि कॉलोनी में मेगा ग्रामीण जलापूर्ति योजना के तहत जलापूर्ति करनी थी। इसके लिए वर्ष 2018 में टहल कंसल्टेंट कंपनी को टेंडर भी मिल गया था।कंपनी को वर्ष 2020 तक का काम पूरा करना था, लेकिन बीच में ही काम छोड़ कर भाग गई। सरकार ने 2022 में कंपनी को ब्लैकलिस्टेड कर दिया, जिसके कारण पेयजलापूर्ति योजना धरातल पर उतरने से पहले ही समाप्त हो गई।
कुमारधुबी, मधु गोराई