आरएनएम कॉलेज में एन एसएस के बैनर तले राष्ट्रीय शिक्षा दिवस का किया गया आयोजन। देश के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद ने आधुनिक शिक्षा प्रणाली की वकालत की थी = डा फहीम अहमद
चतरा हंटरगंज के राम नारायण मेमोरियल डिग्री कॉलेज के सभागार में एनएसएस के बैनर तले 14 वा राष्ट्रीय शिक्षा दिवस_ सह_ भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की 134 वीं जयंती के अवसर पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कॉलेज के प्राचार्य प्रो जैनेंद्र कुमार सिंह ने किया। संचालन एनएसएस के वॉलंटियर ऋषभ गुप्ता एवं सरदार करणजीत सिंह संयुक्त रूप से कर रहे थे।कार्यक्रम का शुभ आरंभ एनएसएस गान एवं क्लैपिंग से किया गया।संगोष्ठी को संबोधित करते हुए एनएसएस पीओ डा० फहीम अहमद ने कहा कि मौलाना अबुल कलाम आजाद आज से ठीक 134 वर्ष पूर्व 11 नवंबर 1888 को सऊदी अरब के शहर मक्का में पैदा हुए। उन्होंने 1912 में भारत में ब्रिटिश शासन के विरुद्ध एक सप्ताहिक पत्रिका अल हिलाल की शुरुआत की थी लेकिन ब्रिटिश सरकार ने बैन कर दिया था। मौलाना आजाद एक प्रसिद्ध शिक्षाविद,एक जांबाज पत्रकार,उच्च कोटी के विचारक, स्वतंत्रता सेनानी और कुशल राजनीतिज्ञ के रूप में जाने जाते थे।भारतीय शिक्षा संरक्षण संरचना के मजबूत बनाने में उन्होंने अपनी महती भूमिका निभाई ।मौलाना आजाद ने नारी शिक्षा के लिए पुरजोर वकालत की थी। आधुनिक शिक्षा प्रणाली पर उन्होंने काफी जोर दिया था ।उनके कार्यकाल के दौरान देश के पहले आईआईटी वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) आईआईएससी, भारतीय संस्कृति संबंध परिषद (आईसीसीआर) एवं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग जैसी महत्वपूर्ण संस्था की स्थापना की जो आज भी देश का गौरव है।साहित्य में रिसर्च को बढ़ावा दिया।भारत में सामाजिक धार्मिक एवं सांस्कृतिक अंतर को पाटने के लिए ललित कला, संगीत, नाटक और साहित्य अकैडमी की स्थापना की थी। उन्होंने ने देश की आजादी में महती भूमिका निभाई वहीं टू नेशन थिवरी का पुर जोर विरोध किया था। उन्होंने 14 वर्ष तक के बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा की पुरजोर वकालत की।
शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षा मंत्री रहते हुए वर्ष 1947 से 1958 तक के अतुलनीय योगदान दिया ।दीपक कुमार ने अंग्रजी भाषा में मौलान आजाद की जीवनी पर प्रकाश डाला।कार्यक्रम को सफल बनाने में स्नेहलता,अंकिता कौर, उम्मे सानिया,मुस्कान,निशा चांदनी, रोहनी,नेहा नाज के अतिरक्त दर्जनों बॉलिंटियर ने महती भूमिका निभाई।इस मौके पर टीआर प्रो सुबोध कुमार सिंह,पूजा कुमारी,प्रो रामजीत यादव,प्रो शिव रतन सिंह, प्रो अनिल कुमार सिंह, प्रो चंदन कुमार सिंह,प्रो सतेंद्र सिन्हा मौजूद थे।