प्रतापपुर के हाई स्कूल के मैदान मे गुरूवार को मां शबरी पूजा समारोह का आयोजन किया गया ।यह आयोजन अखिल भारतीय भुईया समाज कल्याण समिति चतरा के तत्वाधान मे तथा प्रतापपुर प्रखंड कमिटी के देखरेख में किया गया ।कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रखंड अध्यक्ष दिनेश कुमार भारती,संचालन नरेश भारती ने किया।कार्यक्रम मे मुख्य अतिथि पूर्व विधायक जनार्दन पासवान, समाजसेवी भोला प्रसाद, घोडदौड मुखिया रामजी भुईया, प्रदेश सचिव दिनेश्वर भुईयां ,जिला अध्यक्ष बिनोद राम,पूर्व जिला तिलेश्वर भुईया ने संयुक्त रूप से फिताकाटकर उद्घाटन किया।मौके पर विशिष्ट अतिथि के रूप में घोडदौड के पूर्व मुखिया उमेश भुईया, भाजपा सांसद प्रतिनीधि सतेन्द्र पासवान,वरिष्ट भाजपा नेता मिस्टर आलम अशर्फी, किशोर यादव, बीरेन्द्र यादव ,साहेब रहमान खान,जिला सचिव चिन्ता मणी भुईया मुख्य रूप से शामिल थे।मौके पर मुख्य अतिथि जनार्दन पासवान ने कार्यक्रम मे अपने संबोधन मे कहा कि आज मां शबरी की जयंति मनाई जा रही है। माता शबरी की पूजा करने से भगवान राम की कृपा प्राप्त होती है।मां शबरी भगवान राम की भक्त थी,प्रभु श्री राम ने अपनी भक्त शबरी की भक्ति को पूर्ण करने के लिए उनके जूठे बैर खाये।मां शबरी राम की भक्त ही नही थी बल्कि नये समाज के निर्माता थी।जिन्होने जात पात ,उंच नीच,भेद भाव को दूर करने तथा समाज को बदलने का संदेश दिया।मुखिया रामजी भुईया, पूर्व मुखिया उमेश भुईया सहित कई वक्ताओ ने कहा कि मां शबरी रामायण व रामचरित्रमानस सहित कई अन्य धार्मिक ग्रंथो मे शबरी कथा का उल्लेख मिलता है।इनका असली नाम श्रमणा था।ये भील समुदाय के शबर जाति से संबंध रखती थी।इसी कारण उनका नाम शबरी रखा गया।इनके पिता भीलो के मुखिया थे।मौके पर कमिटी के प्रखंड अध्यक्ष सह कार्यक्रम के अध्यक्ष दिनेश कुमार भारती ने प्रखंड के भुईया जाति समाज को एक सुत्र में एक जूटता बनाने की अपील किया ।उनहोने कहा कि यदि भुईया समाज एक सुत्र मे बंध जाति है तो राजनीतिक, समाजिक दृष्टि से समाज मे पकड बना सकती है,उन्होने नशाखोरी,बाल विवाह,अंधविश्वास को त्यागने तथा बच्चो को शिक्षा की ओर ले जाते हुये नये समाज का निर्माण करने की अपील किया ।मौके पर सचिव बिगन भारती,पूजा अध्यक्ष रामदयाल भारती, कोषाध्यक्ष आशिष भारती, पिन्टू कुमार,उपाध्यक्ष मुरारी भारती ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।कार्यक्रम में प्रखंड के प्रतापपुर के 18 पंचायतों व कुन्दा पंचायत के अखिल भारतीय भुईया समाज कल्याण समिति के सदस्य एवं समाज के हजारो की संख्या मे लोग शामिल थे।
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